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Thursday 5 February 2015

आखि‍र क्यों नहीं मनाएं वैलेंटाइन डे? ये रहीं वो 8 वजहें









फरवरी ने दस्तक दे दी है. समां तो जैसे लाल और गुलाबी रंग में सराबोर होने लगा है. हर कोई आपको टिप्स दे रहा है कि कैसे इस बार वैलेंटाइन डे को अलग तरह से मनाया जाए. लेकिन हमारी मानिए, तो जनाब इस बार ठंडे पड़ जाइए. शांति से बैठिए या दोस्तों के साथ मौज मस्ती कर लीजिए. लेकिन डेट को कर दीजिए बाय बाय. हम आपको बताते हैं वैलेंटाइन डे नहीं मनाने की कुछ ख़ास वजहें:

1. पिटाई का है खतरा: कभी बजरंग दल तो कभी शिवसेना, कोई न कोई हाथ धोकर लवर कपल्स के पीछे पड़ा ही रहता है. 'यह इश्क नहीं आसां बस इतना समझ लीजिए, एक आग का दरिया है और डूब के जाना है' कहावत यूं ही नहीं बनी. जनाब मेरठ शहर का वो किस्सा अभी धुंधला नहीं पड़ा होगा जब महिला पुलिसकर्मी ने लड़के तो क्या लड़कियों पर भी डंडे बरसा दिए थे. तो इस दिन जरा संभलकर ही बाहर निकलें.
2. जेब कटने से बचाएं: अमिताभ बच्चन चिल्ला चिल्ला कर कह रहे हैं कि हीरे के आभूषण 8000 रुपए से शुरू - लेकिन हुजूर आपके पास अगर 8000 या 1000 रुपए हैं ही, तो एफडी करा के डाल दीजिये. आपका पार्टनर सच में प्यार करता है या करती है तो उसके लिए चटपटे मोमोस, नुक्कड़ की चाट और एक आइसक्रीम भी चलेगी. इस दिन गिफ्ट से लेकर खाने पीने तक हर चीज कई गुना ज्यादा कीमत पर मिलती है. थोड़ा सब्र रखिये. 14 फरवरी खत्म हो जाने से आपका प्यार तो खत्म नहीं होगा ना? डेट पर एक दिन बाद चले जाइएगा. सेलिब्रेशन के लिए अगले दिन का मुहूर्त निकलवा लीजिए!

3. फूलों से परहेज: एक तो वैलेंटाइन डे पर हर फूल के दाम आसमान छूने लगते हैं, और ऊपर से वो फूल दो दिन में मुरझा जाते हैं. तो अपने प्यार को वैसे मुरझाने से बचाइए और दिल में सहेज कर हरदम महकता रखिए.
4. खुद को मोटा होने से रोकिए: चॉकलेट हो या केक, वैलेंटाइन डे पर मीठे से परहेज मुश्किल हो जाता है. अब इससे दांतों को भी खतरा है और आपकी फिगर को भी.
5. लाइन में खड़े होने से बचिए: वैलेंटाइन डे सेलिब्रेशन पर हर रेस्टोरेंट में महीने भर पहले से बुकिंग हो जाती है. अब खुद सोचिए कि क्या आपमें अपने पार्टनर के साथ घंटों तक एक रेस्टोरेंट के बाहर लाइन में खड़े रहने का पेशेंस है?
6. भीड़ से अलग चलिए: फेसबुक स्टेटस से लेकर लाल रंग की ड्रेस तक - हर इंसान बस वैलेंटाइन डे के सेलिब्रेशन में ही डूबा रहता है. सबके स्टेटस भी एक से ही होते हैं. कुछ अलग सोचिए. सारा प्यार 14 फरवरी को कर लेंगे, तो बाकी साल क्या करेंगे?
7. अपने मॉम-डैड से नजरें मिलाइए: याद कीजिए वो 'मदर्स डे' और 'फादर्स डे' जब आपके मॉम-डैड की तरसती निगाहें आपको देख रही थी. उनके लिए एक टॉफी भी ना लाने वाले आप आज अपने लवर के लिए बेहतरीन पार्टी दे रहे हैं? इसके बाद नजरें मिला पाएगें आप अपने मॉम-डैड से? सबको बराबर का दर्जा दीजिए!
8. प्यार का मतलब सिर्फ 14 फरवरी से नहीं: व्यंग्य और चर्चा के लिए यह टॉपिक हमेशा पॉपुलर रहा है. लेकिन इस सच्चाई को कोई नहीं झुठला सकता कि वैलेंटाइन डे का जो जश्न हम आज देखते हैं वो बाजारवाद का ही बदला स्वरूप है. प्यार पहले भी होता था. जश्न पहले भी होता था. लेकिन 14 फरवरी के दिन ऐसी दीवानगी जो आज हर गली कूचे में दिखती है, वो पहले नहीं थी. खुद सोचिये, कि अपने पार्टनर के लिए प्यार दिखाने को यह सिर्फ एक ही दिन है? साल के बाकी दिन क्या प्यार के रंग में लाल नहीं हो सकते? इस बाजारवाद से किनारा कर सादगी से मनाइए वैलेंटाइन डे!
Source: http://goo.gl/zKSx9I

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