आखिर क्या है समलैंगिकता
समलैंगिकता यानी समलिंगी के प्रति आकर्षण और उसके साथ यौन संबंध। इस दशा में एक पुरुष दूसरे पुरुष की ओर आकर्षित रहता है और एक औरत दूसरी औरत के प्रति। दुनिया भर में ऐसे लोगों की तादात बढ़ती जा रही है। आबादी बढ़ने के साथ साथ समलैंगिकों के अधिकारों को लेकर भी माहौल बन रहा है। समलैंगिकों के आपसी संबंधों को भारत समेत कई देशों में जायज करार दिया गया है। वहीं समलैंगिकों की शादी को कानूनी जामा पहनाने के लिए कई देशों में आंदोलन हो रहे हैं।
कितनी तरह के होमोसेक्सुअल
होमोसेक्सुअल कई तरह के होते हैं। गे (पुरुष-पुरुष) लेस्बियन (महिला-महिला) बाइ सेक्सुअल(पुरुष और महिला दोनों की तरफ आकर्षित होने वाले) और ट्रांसजेंडर (हिजड़े)। भारत में गे की तादाद ज्यादा है। यहां सामाजिक उपहास के डर से लेस्बियन मामले ज्यादा सामने नहीं आते। जहां तक बाइ सेक्सुअल की बात है, ऐसे हजारों मामले हैं। नवाबों के दौर में बाइ सेक्सुअल जरूरतें पूरी करने के लिए बाकायदा हरम में औरतें और मर्द दोनों तरह के गुलाम रखे जाते थे।
क़्यों बन जाते हैं समलैंगिक
सैंकड़ों लोगों में कोई एक समलैंगिक कैसे हो जाता है, इसका कोई वैज्ञानिक कारण नहीं मिल पाया है। अधिकतर लोग मानते हैं कि ये जेनेटिक, बायोलॉजिकल और इन्वायरमेंटल माहौल पर निर्भर करता है। कुछ वैज्ञानिकों ने ऐसा भी दावा किया कि व्यक्ति का जेंडर मां के गर्भ में ही तय हो जाता है। ऐसे में ये आकलन लगाया जा सकता है कि समलिंगी होना भी मां के गर्भ में तय हुआ होगा।
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