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Monday 26 January 2015

R-Day: बारिश के बीच सैन्य शक्ति प्रदर्शन, ओबामा ने भी बढ़ाया जवानों का हौसला





जनवरी की सर्दी की रिमझिम बारिश और कोहरे के बीच राष्ट्र ने अपना 66वां गणतंत्र दिवस खूब गर्मजोशी से मनाया, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की मौजूदगी में ऐतिहासिक राजपथ पर देश की मजबूत सैन्य क्षमता, विभिन्न क्षेत्रों में अर्जित उपलब्धियों, आधुनिक सैन्य उपकरणों, विविध सांस्कृतिक और सामाजिक परंपराओं के अलावा सरकार की आत्मनिर्भरता और स्वदेशीकरण का प्रदर्शन किया गया.

 ओबामा के रूप में पहली बार भारत के इस राष्ट्रीय पर्व के साक्षी बने अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ ही राजपथ से लेकर ऐतिहासिक लालकिले के दोनों ओर मौजूद देश विदेश के सैकड़ों गणमान्य लोगों और लाखों आम नागरिकों ने बेहद खुशगवार माहौल के बीच देश की सैन्य ताकत और सांस्कृतिक विरासत के प्रदर्शन को गर्व के साथ देखा.
राजपथ से लालकिले तक मानों देश के गौरव की गाथा लिखी गई थी. सुरक्षा के लिए अभूतपूर्व व्यवस्था की गई थी लेकिन इससे लोगों के उत्साह में कोई कमी नहीं आई. सैन्य एवं रक्षा उपकरणों, सेना के तीनों अंगों की विविध टुकड़ियों की कदमताल, देशभर की सांस्कृतिक विरासत और विविध योजनाओं एवं उपलब्धियों की झलक दिखाने वाली झांकियां, जांबाज बच्चों के कारनामों, लोकनर्तकों की टोलियां और स्कूली बच्चों के दस्तों ने अपनी मौजूदगी से राष्ट्रीय पर्व की इस गौरवमयी सुबह को यादगार बना दिया.

गणतंत्र दिवस परेड का समारोह इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति से शुरू हुआ, जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पुष्पांजलि अर्पित कर शहीदों को राष्ट्र की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित की. मातृभूमि की सेवा में बलिदान देने वाले सशस्त्र बलों के जवानों के अदम्य साहस की स्मृति में अमर जवान ज्योति पर हमेशा लौ प्रज्ज्वलित रहती है. उलटी करके रखी गई राइफल और उसपर टंगी सैनिक टोपी अमर जवानों के बलिदान का प्रतीक है. कृतज्ञ राष्ट्र हर वर्ष इस राष्ट्रीय पर्व पर उनके बलिदानों का स्मरण करता है, जिनकी वजह से हमें आजादी का यह वरदान मिला.

'बीस्ट' में सवार होकर पहुंचे ओबामा
ओबामा अपनी ‘बीस्ट’ में सवार होकर राजपथ पहुंचे. प्रधानमंत्री मोदी और वहां मौजूद लोगों ने ओबामा दंपत्ति का स्वागत किया. कुछ ही पल बाद परंपरागत अंदाज में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की कार उनके अश्व दस्ते की लयबद्ध ताल के बीच राजपथ पर आकर रूकी.

परंपरा के अनुसार, राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद, 21 तोपों की सलामी के साथ राष्ट्रीय गान की धुन बजायी गई. इसके बाद परेड शुरू होने से पहले सेना के मेजर मुकुंद वर्धराजन और नायक नीरज कुमार सिंह को मरणोपरांत शांतिकाल के उच्चस्थ बहादुरी पुरस्कार अशोक चक्र से सम्मानित किया गया. इन दोनों ने जम्मू कश्मीर में उग्रवादियोंे का मुकाबला करते हुए अपना जीवन कुर्बान किया था.

राष्ट्रपति बराक ओबामा के सुरक्षा अपायों के तहत राष्ट्रपति के सलामी मंच पर बुलेट प्रूफ कवच लगाया गया. राष्ट्रपति ने सलामी मंच से अपने देश के जांबाज जवानों की सलामी ली. उनकी दाइ’ ओर बैठे अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और बाई ओर बैठीं मिशेल ओबामा परेड का आनंद ले रही थीं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हरे और नारंगी रंग वाली छींटदार तुर्रदार पगड़ी और बंद गले का कोट पहना था. वह परेड के दौरान राष्ट्रपति ओबामा को परेड के बारे में कुछ कुछ बताते नजर आए.

सजे धजे सुरक्षाकर्मियों की कदमताल के बीच देश में ही डीआरडीओ द्वारा विकसित सतह से हवा में मार करने वाली मध्यम दूरी की आकाश मिसाइल का सेना संस्करण और हथियारों का पता लगाने वाले रडार का एक साथ प्रदर्शन इस साल की परेड का मुख्य आकषर्ण रहा.

इसके अलावा हाल ही में प्राप्त लंबी दूरी तक समुद्री निगरानी करने वाले और पनडुब्बी रोधी विमान पी-8आई और काफी दूर तक मार करने वाले उन्नत लड़ाकू विमान मिग-29के को पहली बार प्रदर्शित किया गया है. इस वर्ष की परेड में पहली बार तीनों सैन्य बलों थलसेना, नौसेना और वायुसेना की महिला दलों के मार्चिंग दस्ते को शामिल किया गया.

राष्ट्र के समक्ष समुद्री क्षेत्र से उभरने वाले सुरक्षा खतरे के मद्देनजर भारतीय नौसेना ने अपनी झांकी में समुद्री युद्ध के सभी चार आयामों में से कुछ को प्रदर्शित किया. स्वदेश निर्मित विध्वंसक आईएनएस कोलकाता, उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर ध्रुवे के साथ ब्रह्मोस मिसाइल लांच करने के मॉडल को प्रदर्शित कर नौसेना आत्मनिर्भरता और स्वदेशीकरण की अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाया
Source: http://goo.gl/TSKROg




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