सेक्स के लिए सोचने पर काफी जोर देना पड़ता है? तो घबराइए मत, ऐसा करने वाले आप अकेले नही हैं। जी हां, एक सर्वेक्षण में सामने आया है कि इसके लिए २१ वीं सदी में जीवन में आए बदलाव जिम्मेदार हैं। रोजना काम का दबाव और फास्ट लाइफस्टाइल इस पर असर डाल रहा है। ऑनलाइन फार्मेसी यूके मैडिक्स डॉट कॉम द्वारा कराए गए सर्वेक्षण में पाया गया कि 25 प्रतिशत महिलाएं और एक तिहाई पुरुष कम कामेच्छा की समस्या से ग्रस्त हैं।
‘स्लो सेक्स’ किताब के लेखक निकोल डेडौन का कहना है कि सेक्स जितना दिमाग में होता है, उतना ही शरीर में भी। आपको बेडरूम में धमाका करने के लिए अपने आप को काम ऊर्जा के उस स्तर पर ले जाना होगा जो मेडिटेशन से ही संभव है। यह एक नई विधि है जो काफी सफल साबित हो रही है।
ऑर्गज्मिक मेडिटेशन पुरुषों और महिलाओं के लिए सामान रूप से ताकत देने वाली है। यह कामेच्छा को नई ऊंचाइयों तक ले जाती है।
मेडिटेशन क्लास के बाद एक कपल ने जो महसूस किया, उसके बारे में वह अपने अनुभव शेयर कर रहा है।
35 साल के एक युवक और 34 साल की महिला की सेक्स लाइफ अच्छी-खासी चल रही थी, लेकिन पिछले कुछ समय से उनके संबंधों में एक ठंडापन आ गया था। इसकी वजह यह थी कि वे काम के बोझ तले दबे हुए थे। थकान के कारण समय मिलने के बावजूद भी उनमें संबंध बनाने की रुचि नहीं होती थी।
ऑर्गज्मिक मेडिटेशन क्लास के बारे में जानकारी मिलने के बाद उन्होंने इसे ज्वॉइन किया और इसके कुछ ही दिनों के बाद उनमें यौन ऊर्जा का तीव्र संचार हो गया। अब भी काम का बोझ पहले जैसा ही था, लेकिन उनकी सेक्स लाइफ में नई बहार आ चुकी थी। वे ऐसा फील करते थे, मानो हनीमून पर गया कोई जोड़ा।
निकोल ने सबसे पहले अपने अनुभव और भावनाओं को पार्टनर के साथ साझा करने पर जोर दिया और यह ऑर्गज्म मेडिटेशन के लिए सबसे महत्वपूर्ण था। यह मेडिटेशन जैसा कुछ नहीं था, जैसा कि लोग सोच रहे थे। इससे ज्यादा यहां इस बात पर जोर दिया जा रहा था कि अपनी यौन ऊर्जा को पहचाने और एकजुटता पर ध्यान केंद्रित करें।
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